आई.ए. रिचर्ड्स पर टिप्पणी करें।

परिचय:

आई.ए. रिचर्ड्स (I.A. Richards) बीसवीं शताब्दी के आरंभिक दौर के एक प्रभावशाली अंग्रेज़ समीक्षक, विचारक और शिक्षाशास्त्री थे। उन्हें आधुनिक आलोचना की नींव रखने वालों में गिना जाता है। वे विशेष रूप से नव-समीक्षा (New Criticism) आंदोलन के प्रवर्तकों में अग्रणी थे। उन्होंने काव्य आलोचना को एक वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण दिया और कविता को केवल भावुकता नहीं, बल्कि सार्थक संप्रेषण और मानसिक संतुलन का उपकरण माना।


शिक्षा और बौद्धिक पृष्ठभूमि:

रिचर्ड्स का जन्म 1893 में इंग्लैंड के चेशायर में हुआ था। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अध्ययन किया और वहीं अध्यापन भी किया। वे भाषा, साहित्य, मनोविज्ञान और दार्शनिक दृष्टिकोणों का गहन ज्ञान रखते थे, जिसका प्रभाव उनकी आलोचना-शैली में साफ झलकता है।


महत्वपूर्ण ग्रंथ:

आई.ए. रिचर्ड्स ने कई महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे, जिनमें निम्नलिखित विशेष उल्लेखनीय हैं:

  1. The Principles of Literary Criticism (1924)
  2. Practical Criticism (1929)
  3. The Meaning of Meaning (C.K. Ogden के साथ)

इन पुस्तकों ने न केवल अंग्रेजी साहित्य, बल्कि आधुनिक साहित्यिक आलोचना की दिशा ही बदल दी।


प्रैक्टिकल क्रिटिसिज़्म (Practical Criticism):

यह उनकी सबसे चर्चित और प्रभावशाली कृति मानी जाती है। इसमें उन्होंने काव्य के मूल्यांकन की एक नई पद्धति प्रस्तुत की। उन्होंने छात्रों को बिना लेखक का नाम बताए कविता पढ़ाई और उनसे प्रतिक्रिया ली। इससे उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि पाठक कविता से क्या ग्रहण करता है और कविता के शब्द किस प्रकार उसके मनोभावों को प्रभावित करते हैं।

उनका मत था कि एक अच्छी कविता वह है जो भावनाओं का संतुलन बनाए, पाठक को मानसिक रूप से प्रभावित करे और भावनात्मक अनुशासन दे।


कविता की परिभाषा और उद्देश्य:

रिचर्ड्स के अनुसार, कविता का उद्देश्य केवल सौंदर्य या मनोरंजन नहीं है, बल्कि वह एक मनोवैज्ञानिक साधन है जो मानव-मन में संतुलन और अनुशासन स्थापित करता है। कविता पाठक की भावनात्मक दुनिया को नियंत्रित कर सकती है और उसे एक स्वस्थ दृष्टिकोण दे सकती है।

उन्होंने यह भी कहा कि कविता एक प्रकार का कम्युनिकेशन (संचार) है, जिसमें शब्दों के माध्यम से गहरे अर्थ और संवेदनाएँ संप्रेषित होती हैं।


अर्थ और संप्रेषण की व्याख्या:

I.A. Richards ने भाषा के प्रयोग और संप्रेषण में आने वाली बाधाओं पर भी गहन चर्चा की। उनके अनुसार, संप्रेषण में तीन प्रमुख तत्व होते हैं:

  1. संस्लिष्ट अर्थ (Sense)
  2. भावार्थ (Feeling)
  3. लक्ष्य (Tone)

उन्होंने बताया कि एक अच्छी कविता इन तीनों को सफलतापूर्वक संप्रेषित करती है।


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