आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है। हमारे चारों ओर जो भी बदलाव हो रहे हैं, उसमें तकनीक की भूमिका बहुत बड़ी है। इन्हीं तकनीकी आविष्कारों में से एक सबसे क्रांतिकारी आविष्कार है — कम्प्यूटर। यह एक ऐसी मशीन है जिसने दुनिया के काम करने के ढंग को ही बदल कर रख दिया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, मनोरंजन, संचार, रक्षा, बैंकिंग जैसे हर क्षेत्र में कम्प्यूटर की उपस्थिति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
1. कम्प्यूटर क्या है?
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Device) है जो दी गई सूचनाओं या डेटा को प्रक्रिया (Processing) करता है और परिणाम देता है। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि यह एक ऐसा यंत्र है जो इनपुट (Input) लेता है, उसे प्रोसेस करता है और फिर आउटपुट (Output) देता है।
सरल परिभाषा:
“कम्प्यूटर एक ऐसी मशीन है जो निर्देशों के आधार पर काम करता है और तीव्र गति से बड़ी मात्रा में गणनाएँ और अन्य कार्य करता है।”
कम्प्यूटर कोई सोचने वाली मशीन नहीं है, वह केवल वही काम करता है जो उसे प्रोग्रामिंग या निर्देशों द्वारा बताया जाता है।
2. कम्प्यूटर का इतिहास
कम्प्यूटर का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी शुरुआत गणना (Calculation) की आवश्यकता से हुई थी। जब मनुष्य ने व्यापार, खगोलशास्त्र, और विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति की, तो बड़ी संख्याओं की गणना करने की आवश्यकता हुई।
- अबेकस (Abacus):
यह सबसे पुराना गणना करने का यंत्र माना जाता है। इसे लगभग 500 ईसा पूर्व में चीन में प्रयोग किया गया था। - चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage):
उन्हें कम्प्यूटर का जनक (Father of Computer) कहा जाता है। उन्होंने 1833 में एक यंत्र “एनेलिटिकल इंजन” (Analytical Engine) का विचार दिया, जो आधुनिक कम्प्यूटर का मूल आधार बना। - पहला इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर – ENIAC:
इसे अमेरिका में 1946 में विकसित किया गया था। यह बहुत बड़ा और भारी था, और बहुत अधिक बिजली की खपत करता था। - इसके बाद वैक्यूम ट्यूब, ट्रांजिस्टर, इंटीग्रेटेड सर्किट, और अब माइक्रोचिप्स के दौर में कम्प्यूटर छोटे, तेज़ और किफायती होते गए।
3. कम्प्यूटर के प्रकार
कम्प्यूटर कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें उनके आकार, कार्यक्षमता, और उपयोग के आधार पर विभाजित किया जाता है:
(i) आकार के आधार पर
- सुपर कम्प्यूटर (Super Computer):
ये अत्यंत तेज और शक्तिशाली होते हैं। जलवायु परिवर्तन, अंतरिक्ष अनुसंधान, और आणविक गणनाओं में इनका उपयोग होता है। भारत में “PARAM” और “Pratyush” जैसे सुपर कम्प्यूटर बनाए गए हैं। - मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer):
इनका उपयोग बड़े-बड़े संस्थानों जैसे बैंक, रेलवे, और बीमा कंपनियों में होता है। - मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer):
ये मेनफ्रेम से छोटे होते हैं लेकिन मध्यम स्तर के कामों के लिए उपयोगी होते हैं। - माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer):
यह सबसे आम कम्प्यूटर है जो घरों, स्कूलों, और दफ्तरों में उपयोग होता है। डेस्कटॉप और लैपटॉप इसी श्रेणी में आते हैं। - मोबाइल और टैबलेट:
ये भी कम्प्यूटर के रूप हैं जो पॉकेट में आ जाते हैं और सीमित कार्यों को बड़ी सहजता से करते हैं।
(ii) कार्य के आधार पर
- डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer):
ये संख्या आधारित होते हैं और बाइनरी भाषा (0 और 1) पर काम करते हैं। - एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer):
ये तापमान, गति, दाब जैसी भौतिक इकाइयों को मापने में प्रयोग होते हैं। - हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer):
ये डिजिटल और एनालॉग दोनों कम्प्यूटरों के गुणों को मिलाकर बनाए जाते हैं। अस्पतालों की मशीनों जैसे ECG में इनका उपयोग होता है।
4. कम्प्यूटर की संरचना (Components of Computer)
कम्प्यूटर मुख्यतः दो भागों में विभाजित होता है:
(i) हार्डवेयर (Hardware):
हार्डवेयर वे सभी हिस्से होते हैं जिन्हें हम देख सकते हैं और छू सकते हैं, जैसे:
- CPU (Central Processing Unit): यह कम्प्यूटर का मस्तिष्क होता है, जहाँ सभी गणनाएँ होती हैं।
- मॉनिटर: यह आउटपुट दिखाता है।
- कीबोर्ड और माउस: इनसे इनपुट दिया जाता है।
- प्रिंटर, स्कैनर, स्पीकर आदि भी हार्डवेयर का हिस्सा होते हैं।
(ii) सॉफ्टवेयर (Software):
सॉफ्टवेयर वे प्रोग्राम और निर्देश होते हैं जिनके आधार पर कम्प्यूटर काम करता है। यह अदृश्य होता है।
- ऑपरेटिंग सिस्टम (जैसे Windows, Linux, macOS): यह कम्प्यूटर को चलाने वाला प्रमुख सॉफ्टवेयर होता है।
- एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (जैसे MS Word, Excel, Photoshop): ये विशेष कामों के लिए बनाए जाते हैं।
5. कम्प्यूटर की कार्यप्रणाली (Working Process)
कम्प्यूटर चार प्रमुख चरणों में काम करता है:
- Input (इनपुट): उपयोगकर्ता द्वारा डेटा दिया जाता है (जैसे कीबोर्ड से टाइप करना)
- Processing (प्रोसेसिंग): CPU डेटा को प्रोसेस करता है।
- Storage (भंडारण): जानकारी को अस्थायी (RAM) या स्थायी (Hard Disk) रूप से संग्रहित किया जाता है।
- Output (आउटपुट): प्रोसेस किया गया डेटा परिणाम के रूप में सामने आता है (जैसे स्क्रीन पर देखना या प्रिंट करना)।
6. कम्प्यूटर की विशेषताएँ (Features of Computer)
- गति (Speed): कम्प्यूटर अत्यंत तेज़ गति से काम करता है, प्रति सेकंड लाखों गणनाएँ कर सकता है।
- शुद्धता (Accuracy): यदि निर्देश सही हों, तो कम्प्यूटर कभी गलती नहीं करता।
- संग्रहण क्षमता (Storage Capacity): यह बड़ी मात्रा में डेटा को संग्रहित कर सकता है।
- स्वचालन (Automation): एक बार प्रोग्राम दिए जाने के बाद यह अपने आप कार्य करता है।
- बहुप्रयोगिता (Multitasking): एक साथ कई कार्य करने की क्षमता।
- थकावट रहित (No Fatigue): लगातार काम करने पर भी थकता नहीं।
7. कम्प्यूटर के उपयोग के क्षेत्र
(i) शिक्षा में:
ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल कक्षाएँ, ई-पुस्तकें, परीक्षा प्रणाली आदि में कम्प्यूटर का व्यापक उपयोग हो रहा है।
(ii) स्वास्थ्य में:
रोगों की जांच, रिपोर्ट बनाना, ऑपरेशन के दौरान निगरानी, मेडिकल रिकॉर्ड रखना आदि में कम्प्यूटर महत्वपूर्ण है।
(iii) बैंकिंग में:
लेन-देन, एटीएम, नेट बैंकिंग, खाता प्रबंधन जैसे कार्य कम्प्यूटर द्वारा होते हैं।
(iv) व्यापार और उद्योग में:
लेखा-जोखा, प्रबंधन, उत्पादन, और ऑनलाइन बिक्री में कम्प्यूटर की उपयोगिता सर्वोपरि है।
(v) मनोरंजन में:
वीडियो गेम, संगीत, फिल्में, यूट्यूब, ऑनलाइन स्ट्रीमिंग — सब कुछ कम्प्यूटर आधारित है।
(vi) संचार में:
ईमेल, सोशल मीडिया, वीडियो कॉल, चैट — ये सभी कम्प्यूटर तकनीक के परिणाम हैं।
(vii) रक्षा और अंतरिक्ष में:
मिसाइल नियंत्रण, उपग्रह संचार, निगरानी, और खोज कार्यों में कम्प्यूटर का गहन प्रयोग हो रहा है।
8. कम्प्यूटर की भाषाएँ (Computer Languages)
कम्प्यूटर अपने कार्य के लिए विशेष भाषाओं का प्रयोग करता है:
- मशीन भाषा (Machine Language): 0 और 1 के रूप में, कम्प्यूटर की मूल भाषा।
- असेम्बली भाषा (Assembly Language): थोड़ी आसान, लेकिन फिर भी जटिल।
- हाई लेवल लैंग्वेज (High Level Language): जैसे – C, C++, Java, Python, HTML आदि। ये मनुष्यों के लिए समझने योग्य होती हैं।
9. कम्प्यूटर और इंटरनेट
कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ देने के बाद इसकी उपयोगिता और बढ़ गई है। आज अधिकांश कार्य ऑनलाइन हो रहे हैं, जैसे:
- शॉपिंग
- शिक्षा
- बैंकिंग
- टिकट बुकिंग
- सरकारी सेवाओं का उपयोग
इंटरनेट ने कम्प्यूटर को एक ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा बना दिया है, जिससे दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर जानकारी ली या दी जा सकती है।
10. कम्प्यूटर की सीमाएँ
हालांकि कम्प्यूटर शक्तिशाली है, पर इसकी कुछ सीमाएँ भी हैं:
- यह निर्देशों पर आधारित होता है, खुद निर्णय नहीं ले सकता।
- इसमें भावनाएँ या संवेदनाएँ नहीं होतीं।
- मानव-निर्देश में त्रुटि होने पर कम्प्यूटर गलत परिणाम दे सकता है।
यह सम्पूर्ण विवरण दर्शाता है कि कम्प्यूटर एक अत्यंत उपयोगी और क्रांतिकारी उपकरण है। इसकी विशेषताएँ, कार्यप्रणाली, संरचना और उपयोग के क्षेत्र इसे आधुनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाते हैं। चाहे शिक्षा हो, चिकित्सा, व्यापार या मनोरंजन — कम्प्यूटर हर क्षेत्र में मानवीय कार्यों को सरल, तेज़ और प्रभावी बना रहा है।