प्रस्तावना:
हिंदी साहित्य में दोहा एक अत्यंत प्रभावशाली और लोकप्रिय काव्य रूप है। इसकी सबसे खास बात है – इसकी संक्षिप्तता में गहराई। यानी केवल दो पंक्तियों में कवि अपनी बात इस तरह कह जाता है कि पाठक को सोचने पर मजबूर कर देता है। इस विधा को जितनी प्रसिद्धि तुलसीदास, कबीर और रहीम ने दी, उतनी ही ऊँचाई इसे बिहारी ने भी दी। बिहारीलाल का “सतसई” (सात सौ दोहों का संग्रह) तो जैसे दोहे विधा का ताज है।
जब कहा जाता है कि “बिहारी के दोहे गागर में सागर की तरह हैं” तो इसका अर्थ यह है कि बिहारी के दोहे इतने छोटे होते हुए भी इतने गहरे, अर्थपूर्ण और भावनात्मक होते हैं कि वे किसी सागर की गहराई को भी समेटे होते हैं। जैसे एक छोटी सी गागर में कोई सागर भर दे, उसी तरह बिहारी के दोहों में विशाल भाव, ज्ञान, दर्शन और काव्य सौंदर्य समाया हुआ मिलता है।
बिहारी के दोहों की विशेषताएँ:
- संक्षिप्तता में सार:
बिहारी के दोहे दो पंक्तियों के होते हैं, लेकिन इन दो पंक्तियों में वह इतने भाव भर देते हैं कि पूरा जीवन दर्शन, प्रेम की भावना, नारी सौंदर्य, राजनीति की चतुराई या नैतिक शिक्षा सब समा जाती है। उदाहरण के लिए: निज आनन उर आन की, करत न सौं सराहि।
नैननि जसि यह नारि को, कहियत बातहि बाहि॥ यहाँ केवल एक दोहे में कवि ने नारी की लज्जा, सादगी और सौंदर्य को इतनी कोमलता से व्यक्त किया है कि पाठक मंत्रमुग्ध हो जाता है। - भावनाओं की गहराई:
बिहारी के दोहे केवल शब्दों का खेल नहीं हैं। इनमें भावनाओं की इतनी गहराई है कि पढ़ने वाला उसे महसूस करता है। उनकी कविताएँ केवल पढ़ने के लिए नहीं होतीं, बल्कि महसूस करने के लिए होती हैं। - प्रेम का कोमल चित्रण:
बिहारी ने श्रृंगार रस का अत्यंत सुंदर उपयोग किया है। राधा-कृष्ण के प्रेम का जितना सुंदर और शालीन वर्णन बिहारी ने किया, वह बहुत कम कवियों ने कर पाया। उदाहरण: कबहुं न आवहिं स्वप्नहूँ, प्राननाथ! तुम्ह बिनु।
सासों सों सिख सौतिनी, अजहूँ ह्वै अघ बिनु॥ इसमें नायिका का विरह, पीड़ा, प्रेम, तड़प – सब कुछ दो पंक्तियों में इस तरह समाया है कि लगता है जैसे पूरा उपन्यास कह दिया हो। - उपमा, रूपक और अलंकारों का सुंदर प्रयोग:
बिहारी के दोहों में अलंकारों की भरमार है, लेकिन यह भरमार बोझिल नहीं लगती। वे इतनी सहजता से अलंकारों का प्रयोग करते हैं कि पाठक का मन आनंदित हो जाता है। उदाहरण: जो भृकुटि विलोकत ही, चलत बिंबाधर भीति।
सो तनु जियत बिरहवशे, को कहि सकै गति नीति॥ यहाँ कवि ने नायिका के सौंदर्य और विरह की पीड़ा दोनों को अद्भुत रूप में बाँधा है। - सांकेतिकता और गूढ़ता:
बिहारी के दोहे सीधे-सीधे अर्थ नहीं बताते, बल्कि संकेतों के माध्यम से बात को कहते हैं। इसका फायदा यह होता है कि पाठक खुद सोचता है, अर्थ निकालता है और इस प्रक्रिया में वह भाव से जुड़ जाता है।
“गागर में सागर” क्यों कहा गया?
अब हम इस कथन पर आते हैं कि “बिहारी के दोहे गागर में सागर की तरह हैं।”
- गागर (छोटा पात्र) का अर्थ है – दो पंक्तियों का दोहा।
- सागर (समुद्र) का अर्थ है – विशाल भाव, अर्थ, अनुभव, सौंदर्य।
बिहारी का हर दोहा छोटा तो है, पर उसमें जो अर्थ छुपा है, वह बहुत बड़ा होता है। दो पंक्तियों में प्रेम का दर्द भी है, सौंदर्य का रस भी है, जीवन का अनुभव भी है, और सामाजिक संदेश भी है। यही कारण है कि लोगों ने उनके दोहों को “गागर में सागर” कहा।
बिहारी के दोहे हर किसी के लिए कुछ-न-कुछ कहते हैं। एक छात्र उसमें भाषा की सुंदरता ढूँढ़ता है, एक शिक्षक उसमें नैतिकता की सीख देता है, एक प्रेमी उसमें अपनी भावना पाता है, और एक विचारक उसमें दर्शन देखता है। यह बहुस्तरीयता बिहारी के दोहों को अनमोल बनाती है।
बिहारी के दोहों की लोकप्रियता और प्रभाव:
- आज भी हिंदी साहित्य के पाठ्यक्रमों में बिहारी के दोहे शामिल हैं।
- इनकी भाषा ब्रज है, जो सरल और मधुर है।
- इनके दोहों को याद करना आसान होता है, क्योंकि वे संक्षिप्त होते हैं, लेकिन जब उन्हें समझने की बात आती है, तो हर बार नए अर्थ खुलते हैं।
- बिहारी ने केवल प्रेम की बात नहीं की, बल्कि समाज, राजनीति, मानवीय संबंधों की भी गहराई से पड़ताल की है।
निष्कर्ष:
बिहारीलाल का काव्य एक उदाहरण है कि कैसे सीमित शब्दों में असीम भावों को अभिव्यक्त किया जा सकता है। उनके दोहे पढ़ते समय यह अनुभव होता है कि यह केवल कविता नहीं है, बल्कि जीवन का एक दर्शन है। यही कारण है कि उनके दोहों को “गागर में सागर” कहा गया – छोटा रूप लेकिन विशाल अर्थ।
आज के तेज़ जीवन में जहाँ लोग कम समय में गहरे अर्थ चाहते हैं, वहाँ बिहारी के दोहे और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। वे हमें यह सिखाते हैं कि शब्दों की संख्या नहीं, बल्कि भावों की गहराई ही असली साहित्य की पहचान होती है। उनकी सतसई आज भी उतनी ही जीवंत है, जितनी उनके समय में थी, और यह सत्य ही है कि बिहारी के दोहे एक चलती-फिरती गागर हैं, जिसमें प्रेम, दर्शन, कला और जीवन का सागर भरा है।
Bihar Board Class 10th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 12th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 11th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 9th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 8th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 7th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 6th Solutions & Notes | Click Here |
अगर आप बिहार बोर्ड कक्षा 6वीं से 12वींतक की परीक्षा की बेहतरीन तैयारी करना चाहते हैं, तो हमारे YouTube चैनल को ज़रूर सब्सक्राइब करें!
यहाँ आपको सभी विषयों के विस्तृत Solutions, Notes, महत्वपूर्ण प्रश्न, मॉडल पेपर और परीक्षा में अच्छे अंक लाने के टिप्स मिलेंगे। हमारी वीडियो क्लासेस आसान भाषा में समझाई गई हैं, ताकि हर छात्र बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।
हमारे चैनल की विशेषताएँ:
✔️सभी विषयों की वीडियो व्याख्या
✔️परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नों का हल
✔️बेस्टस्टडीप्लान और टिप्स
✔️बिहार बोर्ड के सिलेबस पर आधारित संपूर्ण तैयारी
🔴अभी देखें और सब्सक्राइब करें –Click Here
आपकी सफलता ही हमारा लक्ष्य है!