जय हिन्द। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड क्लास 12वीं हिन्दी किताब दिगंत भाग – 2 के पद्य खण्ड के अध्याय 2 ‘सूरदास के पद’ | के व्याख्या को पढ़ेंगे। Surdas ke pad Class 12th
सूरदास के पद (सूरदास का पद)
कवि परिचय
कवि का नाम — सूरदास
- जन्म : 1478 (अनुमानित)
- निधन : 15831
- जन्म-स्थान : दिल्ली के निकट ‘सीही’ नामक ग्राम ।
- निवास-स्थान : ब्रजक्षेत्र में क्रमशः ‘गऊघाट’, वृंदावन एवं पारसोली ग्राम ।
- शिक्षा : स्वाध्याय द्वारा ज्ञानार्जन. काव्य रचना एवं संगीत का ज्ञान
- अभिरुचि : पर्यटन, सत्संग, कृष्णभक्ति एवं वैराग्य ।
- दीक्षागुरु : महाप्रभु वल्लभाचार्य
- वल्लभाचार्य ‘शुद्धाद्वैतवाद’ एवं ‘पुष्टिमार्ग’ के प्रवर्तक, प्रसिद्ध दार्शनिक, आचार्य एवं संत थे।
- दीक्षाकाल 1509-10 अनुमानित ।
- विशेष : जन्म से अंधे, मृदुल, विनम्र, निरभिमानी, भावुक और अंतर्मुखी स्वभाव के विरक्त महात्मा
- कृतिर्या: ‘सूरसागर’, ‘साहित्यलहरी’ राधारसकेलि, सूरसारावली
- श्रीमद्भागवत के आधार पर रचे गये ग्रंथ ‘सूरसागर’ मे पदों कि संख्या सवा लाख बताई जाती है, किंतु अब लगभग पाँच हजार पद हि उपलब्ध है।
- सूर सारावली मे वृहत् होली के गीत के रुप मे रचित 1107 पद तथा ‘साहित्य लहरी’ मे रस, अलंकार, नायिका-भेद को प्रतिपादित करने वाले 118 पद है।
कविता परिचय (सूरदास का पद)
प्रस्तुत पाठ के दोनों पद सुरदास रचित ‘सूरगार‘ से लिया गया है। इन पदों में सूर की काव्य और कला से संबंधित विशिष्ट प्रतिभा की अपूर्व झलक मिलती है। प्रथम पद में दुलार भरे कोमल-मधुर स्वर में सोए हुए बालक कृष्ण को भोर होने की सूचना देते हुए जगाया जा रहा है। द्वितीय पद में पिता नंद की गोद में बैठकर बालक श्रीकृष्ण को भोजन करते दिखाया गया है।
सूरदास के पद का भावार्थ
सूरदास का पद (1)
जागिए, ब्रजराज कुँवर, कँवल-कुसुम फूले ।
कुमुद-वृंद संकुचित भए, भृंग लता भूले ।
भावार्थ — प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है। जिसमें सूरदास जी मातृ स्नेह के भाव को प्रकट किए है। इस पंक्ति में माता यशोदा सुबह होने का प्रमाण देते हुए श्री कृष्ण को जगा रही है।
वह कहती हैं कि हे ब्रज के राजकुमार! अब जाग जाओ। कमल पुष्प खिल गए हैं तथा कुमुद भी बंद हो गए हैं। (कुमुद रात्रि में ही खिलते हैं, क्योंकि इनका संबंध चंद्रमा से हैं) भ्रमर कमल-पुष्पों पर मंडाराने लगे हैं।
तमचुर खग-रोर सुनहु, बोलत बनराई ।
राँभति गो खरिकनि में, बछरा हित धाई ।
भावार्थ — प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है। जिसमें सूरदास जी मातृ स्नेह के भाव को प्रकट किए है। इस पंक्ति में माता यशोदा सुबह होने का प्रमाण देते हुए श्री कृष्ण को जगा रही है।
वह कहती हैं कि हे ब्रज के राजकुमार! अब जाग जाओ। सवेरा होने के प्रतीक मुर्गे बांग देने लगे हैं और चिड़ियाँ पेड़ – पौधे के डालियों पर चहचहा रही है। गोशाला में गायें बछड़ों के लिए रंभा रही हैं।
बिधु मलौन रवि प्रकास गावत नर नारी ।
सूर स्याम प्रात उठौ, अंबुज-कर-धारी ।।
भावार्थ — प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है। जिसमें सूरदास जी मातृ स्नेह के भाव को प्रकट किए है। इस पंक्ति में माता यशोदा सुबह होने का प्रमाण देते हुए श्री कृष्ण को जगा रही है।
वह कहती हैं कि हे ब्रज के राजकुमार ! अब जाग जाओ। चंद्रमा का प्रकाश मलिन हो गया है अर्थात चाँद छुप गया है तथा सूर्य निकल आया है। नर – नारियां प्रात:कालीन गीत गा रहे हैं। अत: हे श्यामसुंदर ! अब तुम उठ जाओ। सूरदास कहते हैं कि यशोदा बड़ी मनुहार करके श्री कृष्ण को जगा रही हैं वे कहती है कि हे हाथों मे कमल धारण करने वाले कृष्ण उठो।
सूरदास का पद (2)
जेंवत स्याम नंद की कनियाँ ।
कछुक खात, कछु धरनि गिरावत, छवि निरखति नंद-रनियाँ ।
भावार्थ — प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है जिसमे सूरदास जी मातृ – पितृ स्नेह के भाव को प्रकट किए हैं।
श्री कृष्ण नंद की गोद में बैठकर भोजन कर रहे हैं । कुछ खा रहे है, कुछ जमीन पर गिरा रहे है। इस सुंदर दृश्य को देखकर नन्द की रानी अर्थ माता यशोदा देख कर प्रसन्न हो रही है।
बरी, 'बरा बेसन, बहु भाँतिनि, व्यंजन बिविध, अगनियाँ ।
डारत, खात, लेत अपनें कर, रुचि मानत दधि दोनियाँ ।
भावार्थ — प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है जिसमे सूरदास जी मातृ – पितृ स्नेह के भाव को प्रकट किए हैं। श्री कृष्ण नन्द की गोद में बैठकर भोजन कर रहे है।
उनके खाने के लिए बेसन के बारी , बारा अनेक प्रकार के अनगिनत व्यंजन बने हुए है। वे अपनी हाथों से कुछ खाते हैं और कुछ गिराते हैं लेकिन उनकी रुचि केवल दही के पात्र में अत्यधिक होती है।
मिस्त्री, दधि, माखन मिस्रित करि, मुख नावत छबि धनियाँ ।
आपुन खात, नंद-मुख नावत, सो छबि कहत न बनियाँ ।
भावार्थ — प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है जिसमे सूरदास जी मातृ – पितृ स्नेह के भाव को प्रकट किए हैं। श्री कृष्ण नन्द की गोद में बैठकर भोजन कर रहे है।
वे मिश्री, दही और मक्खन को मिलाकर अपने मुख में डालते है यह मनोरम दृश्य देखकर माँ यशोदा धन्य हो जाती है। वे खुद भी खाते हैं और कुछ नंद जी के मुंह में भी डालते हैं ये मनोरम छवि का वर्णन करते नहीं बनता।
जो रस नंद-जसोदा बिलसत, सो नहिं तिहूँ भुवनियाँ ।
भोजन करि नंद अचमन लीन्हौ, माँगत सूर जुठनियाँ ।।
भावार्थ — प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के सूरदास के पद कविता से लिया गया है। यह कविता सुरसागर से संकलित है जिसमे सूरदास जी मातृ – पितृ स्नेह के भाव को प्रकट किए हैं। श्री कृष्ण नन्द की गोद में बैठकर भोजन कर रहे है।
इस दिव्य क्षण का जो आनंद नंद और यशोदा को मिल रहा है यह तीनों लोको में किसी को प्राप्त नहीं हो सकता। भोजन करने के बाद नंद और श्री कृष्ण कुल्ला करते है और सूरदास उनका जूठन मांग रहे है।
सूरदास के पद का question answer
Bihar Board Class 10th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 12th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 11th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 9th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 8th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 7th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 6th Solutions & Notes | Click Here |
अगर आप बिहार बोर्ड कक्षा 6वीं से 12वींतक की परीक्षा की बेहतरीन तैयारी करना चाहते हैं, तो हमारे YouTube चैनल को ज़रूर सब्सक्राइब करें!
यहाँ आपको सभी विषयों के विस्तृत Solutions, Notes, महत्वपूर्ण प्रश्न, मॉडल पेपर और परीक्षा में अच्छे अंक लाने के टिप्स मिलेंगे। हमारी वीडियो क्लासेस आसान भाषा में समझाई गई हैं, ताकि हर छात्र बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।
हमारे चैनल की विशेषताएँ:
✔️सभी विषयों की वीडियो व्याख्या
✔️परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नों का हल
✔️बेस्टस्टडीप्लान और टिप्स
✔️बिहार बोर्ड के सिलेबस पर आधारित संपूर्ण तैयारी
🔴अभी देखें और सब्सक्राइब करें –Click Here
आपकी सफलता ही हमारा लक्ष्य है!
Study Help एक शैक्षिक वेबसाइट है जो बिहार बोर्ड कक्षा 10 के छात्रों के लिए नोट्स, समाधान और अध्ययन सामग्री प्रदान करती है। यहाँ हिंदी, गणित, सामाजिक विज्ञान सहित सभी विषयों के विस्तृत समाधान उपलब्ध हैं। साथ ही, Godhuli Part 2 (गद्य, पद्य, व्याकरण) और गणित के सभी अध्यायों के नोट्स भी शामिल हैं। वेबसाइट से जुड़े अपडेट्स के लिए YouTube, WhatsApp, Telegram और सोशल मीडिया लिंक भी उपलब्ध हैं, जिससे छात्र बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।