आंचलिक उपन्यास पर टिप्पणी

हिन्दी साहित्य में ‘आंचलिक उपन्यास’ एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति के रूप में उभरे, जिनका मुख्य उद्देश्य भारत के ग्रामीण जीवन, स्थानीयता, और सांस्कृतिक विविधता को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करना था। यह प्रवृत्ति 20वीं शताब्दी के मध्य में उभरती है, जब हिन्दी उपन्यास शहरी मध्यवर्गीय जीवन से आगे बढ़कर ग्रामीण भारत की गहराइयों में प्रवेश करता है।

‘आंचलिक’ शब्द का अर्थ है – किसी विशेष अंचल या क्षेत्र से संबंधित। अतः आंचलिक उपन्यास वे होते हैं जो किसी विशेष भूभाग, उसकी भाषा-बोली, रहन-सहन, रीति-रिवाज, लोकविश्वास, संघर्ष और सामाजिक समस्याओं को केंद्र में रखकर रचे जाते हैं। इन उपन्यासों में केवल भूगोल ही नहीं, बल्कि उस क्षेत्र की संवेदना, मानसिकता, और सांस्कृतिक पहचान को भी पूरी ईमानदारी से चित्रित किया जाता है।

हिन्दी साहित्य में आंचलिक उपन्यासों की शुरुआत फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ के उपन्यास “मैला आँचल” (1954) से मानी जाती है। यह उपन्यास बिहार के पूर्णिया ज़िले की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसमें वहाँ की बोली, संस्कृति, सामाजिक समस्याएँ, किसानों की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा, राजनीतिक चालाकियाँ – सब कुछ अत्यंत जीवंत ढंग से प्रस्तुत है। मैला आँचल को हिन्दी का पहला आंचलिक उपन्यास माना जाता है।

रेणु के अतिरिक्त राही मासूम रज़ा का आधा गाँव, कृष्णा सोबती का ज़िंदगीनामा, केशव प्रसाद मिश्र का उल्लू के पंजे, शिवप्रसाद सिंह का नीला चाँद, तथा कुशवाहा कांत का धनुष यज्ञ भी आंचलिक उपन्यासों की परंपरा में उल्लेखनीय हैं।

इन उपन्यासों की एक खास विशेषता यह रही कि इनमें स्थानिक बोलियों का प्रयोग बहुत ही स्वाभाविक और प्रामाणिक रूप से हुआ है। रेणु की भाषा में जहाँ मैथिली और भोजपुरी की झलक है, वहीं आधा गाँव में अवधी-पूर्वांचली मिश्रण है। इससे इन रचनाओं में एक स्थानीयता का रंग आता है, जो पाठक को उस अंचल की धरती, हवा और लोगों से जोड़ देता है।

आंचलिक उपन्यासों का उद्देश्य केवल ग्रामीण जीवन की सुंदरता दिखाना नहीं रहा, बल्कि उन्होंने गांव की गरीबी, जातिगत शोषण, स्त्री की स्थिति, अशिक्षा, राजनीति के छल, और संघर्षशील मानवता को भी प्रमुखता से उजागर किया।

इस तरह आंचलिक उपन्यास हिन्दी साहित्य में भारतीय समाज की विविधता को समझने का माध्यम बने। इन्होंने यह सिद्ध किया कि देश के सुदूर कोनों में भी ऐसे जीवन संघर्ष और संवेदनाएँ हैं, जो किसी महानगरीय कथानक से कम नहीं।

Bihar Board Class 10th Solutions & NotesClick Here
Bihar Board Class 12th Solutions & NotesClick Here
Bihar Board Class 11th Solutions & NotesClick Here
Bihar Board Class 9th Solutions & NotesClick Here
Bihar Board Class 8th Solutions & NotesClick Here
Bihar Board Class 7th Solutions & NotesClick Here
Bihar Board Class 6th Solutions & NotesClick Here

लिंग किसे कहते है — Click Here

लिंग किसे कहते है वीडियो देखें और आसान से आसान भाषा में समझे — Click here

Bihar Board Class 10th Solution

Bihar Board Class 12th Solution

हमारे YouTube चैनल को अभी देखें और सब्सक्राइब करें –Click Here

Sprite पीने से क्या होता है

Coffee कैसे बनता है?

Leave a comment