Class 10 Geography Chapter 1 खनिज संसाधन
खनिजः पृथ्वी की परत में विद्यमान धातुयुक्त ठोस पदार्थ को खनिज कहते हैं। जैसे- सोडियम क्लोराइड, कैल्शियम कार्बोनेट, जिंक सल्फाइड आदि।
खनिज संसाधन आधुनिक सभ्यता एवं संस्कृति के आधार स्तंभ हैं। भारत में लगभग 100 से अधिक खनिज मिलते हैं।
खनिजों के प्रकार : खनिज सामान्यतः दो प्रकार के होते हैंः-
1.धात्विक खनिजः इन खनिजों में धातु होता है। जैसे- लौह अयस्क, तांबा, निकल, मैंगनीज आदि। पुनः इसे दो भागों में विभक्त किया जा सकता हैः-
(क) लौहयुक्त खनिजः जिन धात्विक खनिजों में लोहे का अंश अधिक पाया जाता है वे लौह युक्त खनिज कहलाते हैं, जैसे- मैंगनीज, निकल, टंगस्टन आदि।
(ख) अलौहयुक्त खनिजः जिन धात्विक खनिजों में लोहे का अंश न्यून होता है या नहीं होता है वे अलौहयुक्त खनिज कहलाते हैं, जैसे- सोना, चांदी, शीशा, बॉक्साइट, टिन, तांबा आदि।
2.अधात्विक खनिजः इन खनिजों में धातु नहीं होते हैं, जैसे- चुना-पत्थर, डोलोमाइट, अभ्रक, जिप्सम आदि। अधात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते हैं-
(क) कार्बनिक खनिजः इसमें जीवाश्म होते हैं। ये पृथ्वी में दबे प्राणी एवं पादप जीवों के परिवर्तित होने से बनते हैं, जैसे- कोयला, पेट्रोलियम आदि।
(ख) अकार्बनिक खनिजः इनमें जीवाश्म नहीं होते हैं, जैसे- अभ्रक, ग्रेफाइट आदि।
धात्विक एवं अधात्विक खनिज में अंतरः
धात्विक खनिज | अधात्विक खनिज | |
1 | धात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त होता है | अधात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त नहीं हो सकता। |
2 | धात्विक खनिज कठोर एवं चमकीले होते हैं | अधात्विक खनिजों की अपनी चमक नहीं होती है। |
3 | धात्विक खनिज प्रायः आग्नेय चट्टानों में मिलते हैं | अधात्विक खनिज प्रायः परतदार चट्टानों में मिलते हैं। |
4 | धात्विक खनिज को पीटकर तार बनाया जा सकता है। ये पीटने पर टूटता नहीं है | अधात्विक खनिज को पीटकर तार नहीं बनाया जा सकता। ये पीटने पर चूर-चूर हो जाते हैं। |
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
लौह एवं अलौह खनिजों में अंतरः
लौह खनिज | अलौह खनिज | |
1 | जिन खनिजों में लोहे का अंश पाया जाता है तथा जिनका उपयोग लोहा एवं इस्पात बनाने में किया जाता है; लौह खनिज कहलाते हैं। जैसे- लौह अयस्क, निकिल, टंगस्टन, मैंगनीज आदि। | जिन खनिजों में लोहे का अंश न्यून या बिलकुल नहीं होता है वे अलौह खनिज कहलाते हैं, जैसे- सोना, शीशा, अभ्रक आदि। |
2 | लौह खनिज स्लेटी, धूसर, मटमैला आदि रंग के होते हैं | अलौह खनिज अनेकों रंग के हो सकते हैं। |
3 | लौह खनिज रवेदार चट्टानों में पाये जाते हैं | अलौह खनिज सभी प्रकार के चट्टानों में मिल सकते हैं। |
खनिजों की विशेषताएँ :
खनिजों का वितरण असमान होता है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज ज्यादा मात्रा में पाये जाते हैं। खनिज समाप्य संसाधन हैं। एक बार उपयोग करने के बाद पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता है। अतः इसके संरक्षण की परम आवश्यकता है।
खनिजों का वितरण :
भारत के विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न भूगर्भिक संरचनाएँ पायी जाती हैं, जिनके कारण खनिजों का वितरण बहुत ही असमान है। अधिकतर खनिज प्राचीन चट्टान समूहों में ही पाये जाते हैं। जैसे-लौह अयस्क एवं मैंगनीज के भण्डार देश के कैम्ब्रियन पूर्व की चट्टानों के धारवाड़ समूह में पाये जाते हैं तो दूसरी ओर तांबा, सीसा एवं जस्ता अरावली श्रेणी में पाई जाती है। चूना पत्थर, डोलोमाइट, जिप्सम एवं कैलसियम सल्फेट कडप्पा और ऊपरी विन्ध्यन समूहों तक सीमित हैं। अधिकांश खनिज धारक चट्टानें प्रायद्वीपीय भारत में ही पायी जाती है। भारत के उत्तरी मैदान की आधार चट्टानों को जलोढ़ की मोटी पर्त ने पूर्णतः ढक लिया है अतः वहाँ खनिजों का अभाव है। देश का अधिकांश खजिन निम्नलिखित तीन पटियों में पाई जाती हैं।
उत्तरी पूर्वी पठार यह देश की सबसे धनी खनिज पेटी है जिसमें छोटानागपुर का पठार, उड़ीसा का पठार, छत्तीसगढ़ का पठार तथा पूर्वी आन्ध्र प्रदेश का पठार अवस्थित है। इस पेटी में लौह अयस्क, मैंगनीज, अभ्रक, बॉक्साइट, चूना पत्थर, डोलोमाइट, तांबा, थोरियम, यूरेनियम क्रोमियम, सिलिमेनाइट तथा फास्फेट के विशाल भण्डार हैं।
दक्षिणी-पश्चिमी पठार यह पेटी कर्नाटक के पठार एवं निकटवर्ती तमिलनाडु के पठार पर फैली हुई है। यहाँ लौह अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट आदि भारी मात्रा में पाये जाते हैं। देश की सभी तीनों सोने की खानें इसी पेटी में मौजूद हैं।
उत्तर पश्चिम प्रदेश इस पेट्टी का विस्तार खम्भात की खाड़ी से लेकर अरावली की श्रेणियों तक है। यहाँ अनेक अलौह धातुएँ, जैसे-चाँदी, सीसा, जस्ता, तांबा आदि मिलते हैं। बालु-पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, जिप्सम, मुल्तानी मिट्टी, डोलोमाइट, चूना पत्थर, नमक आदि के भी पर्याप्त भण्डार हैं।
हिमालय एक अन्य खनिज पेटी है, जहाँ तांबा, सीसा, जस्ता, कोबाल्ट आदि प्राप्य हैं।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
धात्विक खनिज (लौह) :
लौह अयस्क, मैंगनीज, क्रोमाइट पाइराइट, निकिल आदि धात्त्विक खनिजों के सुन्दर उदाहरण हैं। ये अधिकतर उद्योगों के आधार होते हैं।
लौह-अयस्कः लोहा आधुनिक सभ्यता की रीढ़ है। यह उद्योगों की जननी है। लोहा खान से शुद्ध रूप में नहीं मिलता बल्कि लौह अयस्क के रूप में निकलता है।
शुद्ध लोहे की मात्रा के आधार पर भारत में पाये जाने वाले लौह अयस्क तीन प्रकार के होते हैं- हेमेटाइट, मैग्नेटाइट और लिमोनाइट।
भारत में पूरे विश्व के लौह भंडार का एक चौथाई भाग आंकलित है।
प्रकार | लौह अंश % में | उपनाम | भंडार ( करोड़ टन में ) | |
1 | हेमाटाइट | 68 | लाक अयस्क | 1231.7 |
2 | मैग्नेटाइट | 60 | काला अयस्क | 54.0 |
3 | लिमोनाईट | 40 | पिला अयस्क | परीक्षणाधीन (अभी तक निश्चित नहीं ) |
वितरण:
भारत में लौह अयस्क प्रायः सभी राज्यों में पाया जाता है परंतु यहाँ के कुल भंडार का 96 प्रतिशत- कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखंड राज्यों में सीमित है।
कर्नाटक राज्य भारत का लगभग एक चौथाई लोहा उत्पादन करता है। यहाँ बेल्लारी, हासपेट, संदूर आदि क्षेत्रों में लौह अयस्क की खाने हैं।
छत्तीसगढ़ देश का दूसरा उत्पादक राज्य है जो देश का करीब 20 प्रतिशत लोहा उत्पन्न करता है। दांतेवाड़ा जिले का बैलाडिला तथा दुर्ग जिले के डल्ली एवं राजहरा प्रमुख उत्पादक हैं। रायगढ़, बिलासपुर तथा सरगुजा अन्य उत्पादक जिले हैं।
उड़ीसा देश का 19 प्रतिशत लोहा उत्पादन करता है। यहाँ की प्रमुख खानें- गुरू महिषानी, बादाम पहाड़ (मयूरगंज) एवं किरीबुरू हैं।
गोवा देश का चौथा बड़ा लोहा उत्पादक राज्य है और देश का 16 प्रतिशत लोहा यहीं से प्राप्त होता है। यहाँ की प्रमुख खानें- साहक्वालिम, संग्यूम, क्यूपेम, सतारी, पौंडा एवं वियोलिम में स्थित हैं।
झारखंड देश का पांचवा बड़ा लौह अयस्क उत्पादक राज्य है और 15 प्रतिशत से अधिक लोहे का उत्पादन करता है। यहाँ के पूर्वी तथा पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, प्लामू, धनबाद, हजारीबाग, लोहरदगा तथा राँची मुख्य उत्पादक जिले हैं।
महाराष्ट्र में लौह अयस्क की खानें चंद्रपुर, रत्नागिरी और भण्डारा जिलों में स्थित है।
आंध्रप्रदेश के करीमनगर, बारंगल, कुर्नूल, कड़प्पा आदि जिले लौह अयस्क उत्पादक हैं।
तमिलनाडु की तीर्थ मल्लई पहाड़ियों (सलेम) एवं यादपल्ली (नीलगिरी) क्षेत्र में लोहे के भण्डार हैं।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
मैंगनीज अयस्कः मैंगनीज के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में रूस एवं दक्षिण अफ्रीका के बाद तीसरा है। मैंगनीज का उपयोग शुष्क बैटरियों के निर्माण, फोटोग्राफी, चमड़ा एवं माचिस उद्योग में भी होता है। साथ ही इसका उपयोग पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के बनाने में भी किया जाता है। भारत के कुल उत्पादन का 85 प्रतिशत मैंगनीज का उपयोग मिश्र धातु बनाने में किया जाता है।
विश्व में जिम्बाबे के बाद भारत में ही मैंगनीज का सबसे बड़ा संचित भंडार है जो विश्व के कुल भंडार का 20 प्रतिशत है।
उड़ीसा भारत में मैंगनीज के उत्पादन में अग्रणी है। यहाँ देश के कुल उत्पादन का 37 प्रतिशत मैंगनीज उत्पादन होता है।
महाराष्ट्र भारत के कुल उत्पादन का लगभग एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन करता है।
मध्य प्रदेश 21 प्रतिशत मैंगनीज पैदाकर देश का तीसरा बड़ा उत्पादक राज्य है
कर्नाटक पहले यहाँ देश का एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन होता था , किन्तु अब उत्पाद कम हो रहा है
आंध्र प्रदेश में देश के सकल उत्पाद का 6 प्रतिशत ही मैंगनीज का उत्पाद होता हैं
धात्विक खनिज (अलौह) : इसके अंतर्गत बॉक्साइट, सोना, चाँदी, तांबा, टिन, शीशा, जस्ता आदि आते हैं।
बॉक्साइटः भारत में बॉक्साइट का इतना भंडार है, कि एल्यूमिनियम में हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। इसका बहुमुखी उपयोग वायुयान निर्माण, विद्युत उपकरण निर्माण, घरेलू साज-सज्जा के सामानों का निर्माण, बर्तन बनाने, सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएं बनाने में किया जाता है।
बॉक्साइट का वितरणः बॉक्साइट भारत के अनेक क्षेत्रों में मिलता है किंतु मुख्य रूप से इसका भंडार उड़ीसा, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में अवस्थित है। देश का आधा से अधिक बॉक्साइट का भंडार उड़ीसा राज्य में है।
उड़ीसा भारत के कुल उत्पादन 42 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पादन करता है।
गुजरात भारत का 17.35 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पाद कर के दूसरे स्थान पर है।
झारखण्ड बॉक्साइट के उत्पाद में तीसरा स्थान रखता है तथा देश का 14 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पाद करता है।
महाराष्ट्र यहाँ देश का 12 प्रतिशत बॉक्साइट का उत्पाद होता है।
छत्तीसगढ़ भारत का 6 प्रतिशत सर अधिक बॉक्साइट का उत्पादन करता है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
तांबाः तांबा एक अति उपयोगी अलौह धातु है। यह बिजली का अच्छा संचालक है जिससे इसका ज्यादा उपयोग विद्युत उपकरण बनाने में किया
जाता है। इससे बर्तन एवं सिक्के भी बनाए जाते हैं। भारत में तांबा का अभाव है।
झारखंड का पूर्वी एवं पश्चिमी सिंहभूम जिले तांबा का सबसे बड़ा उत्पादक है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
अधात्विक खनिज
अभ्रकः भारत विश्व में शीट अभ्रक का अग्रणी उत्पादक है। प्राचीन काल से अभ्रक का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किए जाते रहे हैं लेकिन विद्युत उपकरण में इसका खास उपयोग होता है क्योंकि यह विद्युत रोधक होने के कारण उच्च विद्युत शक्ति को सहन कर सकता है।
भारत में उत्पादन की दृष्टि से, अभ्रक निक्षेप की तीन पेटियां हैं, जो बिहार, झारखंड, आंध्रप्रदेश तथा राजस्थान राज्यों के अंतर्गत आती है। बिहार, झारखंड में उत्तम कोटि के रूबी अभ्रक का उत्पादन होता है। बिहार झारखंड भारत का 80 प्रतिशत अभ्रक उत्पादन करता है। राजस्थान देश का तीसरा अभ्रक उत्पादक राज्य है। संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय अभ्रक का मुख्य आयातक है।
चूना पत्थरः भारत के चूना पत्थर का 76 प्रतिशत सीमेंट 16 प्रतिशत लौह इस्पात तथा 4 प्रतिशत रासायन उधोग में उपयोग किया जाता है। देश का 35 प्रतिशत चूना पत्थर मध्य प्रदेश में पाया जाता है।
खनिजों का आर्थिक महत्व
पृथ्वी पर जैसे जल और थल अति महत्वपूर्ण खजाने हैं। ठीक उतने ही महत्वपूर्ण खनिज संसाधन भी हैं। खनिज संसाधन के अभाव में देश के औधोगिक विकास को गति एवं दिशा नहीं दे सकते। फलतः देश का आर्थिक विकास अवरूद्ध हो सकता हैं। खनिज संसाधन का संबंध हमारे वर्तमान और भविष्य से हैं इसलिए खनिजां के संरक्षण की अति आवश्यकता हैं।
खनिज संसाधनों का संरक्षण
खनिज क्षयशील और अनवीकरणीय संसाधन हैं। इसकी मात्रा सिमित है इसका फिर से निर्माण असंभव हैं। उद्योगों में अधिक खनिजो के दोहन और उपयोग के कारण इसके अस्तित्व संकट में पड़ गया है इसलिए खनिजों का संरक्षण आवश्यक है। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग करने से खनिज संकट से बचा जा सकता हैं। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर करता है- खनिजों के लगातार दोहन पर नियंत्रण, उनका बचतपूर्वक उपयोग तथा कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज।
खनिजो के संरक्षण के साथ-साथ उसके प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए तो खनिज संकट से निपटा जा सकता हैं।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
SOME IMPORTANT NOTES
- खनिज निश्चित अनुपात में रासायनिक एवं भौतिक विशिष्टताओं के साथ निर्मित एक प्राकृतिक पदार्थ है।
- भारत में लगभग 100 से अधिक खनिज पाये जाते हैं।
- धरती खोदकर निकाले गये धात्विक तथा अधात्विक पदार्थ खनिज संसाधन के अन्तर्गत आते हैं, जैसे-लोहा, सोना, कोयला, अबरख।
- खनिजों प्रकृति में स्वतः बनती हैं। विशिष्ट खनिजों के संयोजन से चट्टान विशेष का निर्माण होता है।
- निम्न खनिजों से धातुओं का व्यापारिक उत्पादन या निष्कासन होता है, उन्हें अयस्क (Ore)कहा जाता है। ।
- भारत में लगभग 3,000 खानें हैं।
- गोवा से कानपुर के बीच सीधी रेखा खींचने पर इस रेखा के पूर्वी भाग में भारी धात्विक खनिजों की तथा पश्चिमी भाग में अधात्विक खनिजों की प्रधानता मिलती है।
- भारत के प्रमुख खनिज क्षेत्र हैं- (i) पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र (ii) पश्चिमोत्तर क्षेत्र (iii) दक्षिणी क्षेत्र।
- भारत में खनिजों की खोज एवं विकास से जुड़े संगठन हैं- (i) भारतीय भूगर्भिक सर्वेक्षण संस्थान (ii) भारतीय खान व्यूरो (iii) भारतीय खनिज अन्वेषण निगम (iv) परमाणु खनिज विभाग (v) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (vi) तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग।
- कर्नाटक भारत का लगभग एक चौथाई लोहा उत्पादन करता है।
- एंथ्रासाइट सर्वोच्च कोटि का कोयला है जिसमें 90% से अधिक कार्बन की मात्रा पायी जाती है।
- जम्मू और कश्मीर में कालाकोट से कोयला निकाला जाता है।
- लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कर्नाटक है।
- मैंग्नीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उड़ीसा है।
- बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उड़ीसा है।
- बिहार-झारखण्ड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करता है।
- धात्विक खनिजों में मैंग्नीज अयस्क, क्रोमाइट, निकेल, कोबाल्ट, लौह अयस्क और ताँबा, सोना, बॉक्साइट,टिन अलौह अयस्क हैं।।
- प्रायः सभी धात्विक खनिज अयस्क के रूप में पाए जाते हैं जिन्हें उपयोग में लाने के लिए शुद्ध करना पड़ता है।
- मैग्नेटाइट में चुम्बक का गुण होता है।
- मेघाहाता विश्व में लौह अयस्क की सबसे बड़ी खान है। यह उड़ीसा में स्थित है।
- बेलाडिला आधुनिक यंत्रों और मशीनों से सुसज्जित एशिया की सबसे बड़ी खान है।
- विश्व के लौह अयस्क उत्पादक देशों में भारत का स्थान पाँचवाँ है।
- लौह अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य-कर्नाटक है।
- मैंगनीज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य-उड़ीसा है।
- बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य-उड़ीसा है।
- बिहार-झारखंड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करता है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
बिहार बोर्ड की किताब के प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. भारत में लगभग कितने खनिज पाये जाते हैं ?
(क) 50 (ख) 100
(ग) 150 (घ) 200
उत्तर- (ख) 100
प्रश्न 2. इनमें से कौन लौह युक्त खनिज का उदाहरण है ?
(क) मैंगनीज (ख) अभ्रक
(ग) बॉक्साइट (घ) चूना-पत्थर
उत्तर- (क) मैंगनीज
प्रश्न 3. निम्नलिखित में कौन अधात्विक खनिज का उदाहरण है?
(क) सोना (ख) टीन
(ग) अभ्रक (घ) ग्रेफाइट
उत्तर- (ग) अभ्रक
प्रश्न 4. किस खनिज को उद्योगों की जननी माना गया है ?
(क) सोना (ख) तांबा
(ग) लोहा (घ) मैंगनीज
उत्तर- (ग) लोहा
प्रश्न 5. कौन लौह अयस्क का एक प्रकार है ?
(क) लिगनाइट (ख) हेमाटाइट
(ग) बिटुमिनस (घ) इनमें से सभी
उत्तर- (ख) हेमाटाइट
प्रश्न 6. कौन भारत का सबसे बड़ा लौह उत्पादक राज्य है ?
(क) कर्नाटक (ख) गोवा
(ग) उड़ीसा (घ) झारखंड
उत्तर- (क) कर्नाटक
प्रश्न 7. छत्तीसगढ़ भारत का कितना प्रतिशत लौह अयस्क उत्यादन करता है ?
(क) 10 (ख) 20
(ग) 30 (घ) 40
उत्तर- (ख) 20
प्रश्न 8. मैंगनीज उत्पादन में भारत का विश्व में क्या स्थान है?
(क) प्रथम (ख) द्वितीय
(ग) तृतीय (घ) चतुर्थ
उत्तर- (ग) तृतीय
प्रश्न 9. उड़ीसा किस खनिज का सबसे बड़ा उत्पादक है ?
(क) लौह अयस्क (ख) मैंगनीज
(ग) टीन (घ) ताँबा
उत्तर- (ख) मैंगनीज
प्रश्न 10. एक टन इस्पात बनाने में कितने मैंगनीज का उपयोग होता है ?
(क) 5 किग्रा० (ख) 10 किग्रा
(ग) 15 किग्रा (घ) 20 किग्रा०
उत्तर- (ख) 10 किग्रा
प्रश्न 11. अल्युमिनियम बनाने के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है?
(क) मैंगनीज (ख) टीन
(ग) लोहा (घ) बॉक्साइट
उत्तर- (घ) बॉक्साइट
प्रश्न 12. देश में तांबे का कुल भण्डार कितना है ?
(क) 100 करोड़ टन (ख) 125 करोड़ टन
(ग) 150 करोड़ टन (घ) 175 करोड़ टन
उत्तर- (ख) 125 करोड़ टन
प्रश्न 13. बिहार-झारखण्ड में देश का कितना प्रतिशत अभ्रक का उत्पादन होता है ?
(क) 60 (ख) 70
(ग) 80 (घ) 90
उत्तर- (ग) 80
प्रश्न 14. सीमेंट उद्योग का सबसे प्रमुख कच्चा माल क्या है ?
(क) चूना-पत्थर (ख) बाक्साइट
(ग) ग्रेनाइट (घ) लोहा
उत्तर- (क) चूना-पत्थर
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. खनिज क्या है?
उत्तर- खनिज निश्चित अनुपात में रासायनिक एवं भौतिक विशिष्टताओं के साथ निर्मित एक प्राकृतिक पदार्थ है। दूसरे शब्दों में, खनिज निश्चित रासायनिक संयोजन एवं विशिष्ट आंतरिक परमाण्विक संरचना वाले ठोस प्राकृतिक पदार्थ को कहा जाता है।
प्रश्न 2. धात्विक खनिज के दो प्रमुख पहचान क्या हैं ?
उत्तर- ये कठोर एवं चमकीले होते हैं।
इसे गलाने पर धातु प्राप्त होती है।
प्रश्न 3. खनिजों की विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर- खनिजों का वितरण असमान होता है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। खनिज समाप्य संसाधन है। एक बार उपयोग करने के बाद पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता है। अतः इसके संरक्षण की परम आवश्यकता है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
प्रश्न 4. लौह अयस्क के प्रकारों के नामों को लिखिए।
उत्तर- लौह अयस्क के प्रकार निम्न हैं-
प्रकार | उपनाम | |
1 | हेमाटाइट | लाक अयस्क |
2 | मैग्नेटाइट | काला अयस्क |
3 | लिमोनाईट | पिला अयस्क |
प्रश्न 5. लोहे के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु इत्यादि।
प्रश्न 6. झारखण्ड के मुख्य लौह उत्पादक जिलों के नाम लिखें।
उत्तर- सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथाल परगना एवं राँची।
प्रश्न 7. मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
(i) जंगरोधी इस्पात बनाने में (ii) शुष्क सेल के निर्माण में (iii) फोटोग्राफी में (iv) चमड़ा एवं माचिस उद्योग में (v) पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के उत्पादन में।
प्रश्न 8. अल्यूमिनियम के उपयोग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
(i) वायुयान निर्माण में (ii) विद्युत उपकरण के निर्माण में (iii) घरेलू साज-सज्जा के साधनों के निर्माण में (iv) बान बनाने में (v) सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएँ बनाने में।
प्रश्न 9. अभ्रक का उपयोग क्या है ?
उत्तर- (i) इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में (ii) आयुर्वेदिक दवाओं के उत्पादन में (iii) विद्युत रोधक होने के कारण विद्युत उपकरण बनाने में।
प्रश्न 10. चूना-पत्थर की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-
(i) सीमेंट बनाने में (ii) लौह इस्पात बनाने में (iii) उर्वरक, कागज एवं चीनी उद्योग में।
प्रश्न 11. खनिजों की मख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- खनिजों का वितरण असमान होता है। अधिक गुणवत्ता वाले खनिज कम तथा कम गुणवत्ता वाले खनिज अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। खनिज समाप्य संसाधन है। एक बार उपयोग करने के बाद पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता है। अत: इसके संरक्षण की परम आवश्यकता है।
प्रश्न 12. खनिजों के संरक्षण एवं प्रबंधन से क्या समझते हैं ?
उत्तर-
खनिज क्षयशील एवं अनवीकरणीय संसाधन है। इनकी मात्रा सीमित है। इनका पुनर्निर्माण असंभव है। खनिज उद्योगों का आधार है किन्तु औद्योगिक विकास के लिए खनिजों का अतिशय दोहन एवं उपयोग उनके अस्तित्व के लिए संकट है। अतः खनिजों का संरक्षण एवं प्रबंधन आवश्यक है। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है-खनिजों के निरंतर दोहर पर नियंत्रण, उनका बचतपूर्वक उपयोग एवं कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज, खनिजों पर नियंत्रण के अलावे उनके विकल्पों को खोजना, खनिजों के अपशिष्ट पदार्थों को बुद्धिमतापूर्वक उपयोग, पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण, खनिज निर्माण के लिए चक्रीय पद्धति को अपनाना प्रबंधन कहलाता है। यदि खनिजों के संरक्षण के साथ-साथ प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए तो खनिज संकट से निबटा जा सकता है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. खनिज कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिए।
उत्तर-
खनिज सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं
- धात्विक खनिज — इन खनिजों में धातु होती है जैसे लौह अयस्क, ताँबा, निकेल, मैंगनीज आदि। पुनः इसे दो भागों में बाँटा जा सकता है
- लौहयुक्त खनिज- जिन धात्विक खनिज में लोहे का अंश अधिक पाया जाता है वे लोहयुक्त खनिज कहलाते हैं, जैसे लौह अयस्क, निकेल, टंगस्टन।
- अलोहयुक्त खनिज- वैसे खनिज जिनमें लोहे की मात्रा न्यून होती है या नहीं होती है, अलौहयुक्त खनिज कहलाते हैं; जैसे सोना, चाँदी, शीशा, बॉक्साइट ताँबा।
- अधात्विक खनिज- इसमें धातु नहीं होती है जैसे-चूना पत्थर, अभ्रक, जिप्सम आदि। अधात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते हैं-
- कार्बनिक खनिज- इसमें जीवाश्म होते हैं, ये पृथ्वी में दबे प्राणी, पादप जीवों के परिवर्तन से बनते हैं, जैसे-कोयला, पेट्रोलियम आदि।
- अकार्बनिक खनिज- इसमें जीवाश्म नहीं होते हैं जैसे–अभ्रक, ग्रेफाइट।
प्रश्न 2. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है ? तुलना करें।
उत्तर-
धात्विक खनिज | अधात्विक खनिज | |
1 | धात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त होता है | अधात्विक खनिज को गलाने पर धातु प्राप्त नहीं हो सकता। |
2 | धात्विक खनिज कठोर एवं चमकीले होते हैं | अधात्विक खनिजों की अपनी चमक नहीं होती है। |
3 | धात्विक खनिज प्रायः आग्नेय चट्टानों में मिलते हैं | अधात्विक खनिज प्रायः परतदार चट्टानों में मिलते हैं। |
4 | धात्विक खनिज को पीटकर तार बनाया जा सकता है। ये पीटने पर टूटता नहीं है | अधात्विक खनिज को पीटकर तार नहीं बनाया जा सकता। ये पीटने पर चूर-चूर हो जाते हैं। |
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
प्रश्न 3. भारत के खनिज पट्टियों का नाम लिखकर किन्हीं दो का वर्णन करें।
उत्तर — भारत के अधिकांश खनिज तीन पट्टियों में पाये जाते हैं। (i) उत्तर-पूर्वी पठार (i) दक्षिणी-पश्चिमी पठार (iii) उत्तर-पश्चिमी प्रदेश।
- उत्तरी-पूर्वी पठार- यह देश की सबसे धनी खनिज पट्टी है जिसमें छोटानागपुर का पठार, उड़ीसा का पठार, छत्तीसगढ़ का पठार तथा पूर्वी आन्ध्रप्रदेश का पठार अवस्थित है। इस पटी में लौह अयस्क, मैंगनीज, अभ्रक, बॉक्साइट, चना पत्थर, डोलामाइट, ताँबाः थोरियम, यूरेनियम, क्रोमियम, सिलिमेनाइट तथा फास्फेट के विशाल भण्डार हैं।
- दक्षिणी-पश्चिमी पठार- इस पट्टी का विस्तार खम्भात की खाड़ी से लेकर अरावली की श्रेणियों तक है। यहाँ तक अनेक अलौह धातुएँ, जैसे–चाँदी, सीसा, जस्ता, ताँबा आदि मिलते हैं। बालु पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, जिप्सम, मुलतानी मिट्टी, डोलोमाइट, चूना-पत्थर, नमक आदि के भी पर्याप्त भंडार हैं।
- उत्तर पश्चिम प्रदेश इस पेट्टी का विस्तार खम्भात की खाड़ी से लेकर अरावली की श्रेणियों तक है। यहाँ अनेक अलौह धातुएँ, जैसे-चाँदी, सीसा, जस्ता, तांबा आदि मिलते हैं। बालु-पत्थर, ग्रेनाइट, संगमरमर, जिप्सम, मुल्तानी मिट्टी, डोलोमाइट, चूना पत्थर, नमक आदि के भी पर्याप्त भण्डार हैं।
हिमालय एक अन्य खनिज पट्टी है जहाँ ताँबा, सीसा, जस्ता, कोबाल्ट आदि प्राप्त हैं।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
प्रश्न 4. लौह अयस्क का वर्गीकरण कर उनकी विशेषताओं को लिखें।
उत्तर- लौह अयस्क का वर्गीकरण निम्न हैं-
- हेमेटाइट—इसमें 68% लौह अंश होता है, इसे लाल अयस्क भी कहते हैं।
- मैग्नेटाइट–इसमें 60% लौह अंश होता है, इसे काला अयस्क भी कहते हैं।
- लिमोनाइट-इसमें 40% लौह अंश होता है, इसे पीला अयस्क भी कहते हैं।
लौह अयस्क उद्योगों की जननी है। लोहा आधुनिक सभ्यता की रीढ़ है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
प्रश्न 5. भारत में लौह अयस्क के वितरण पर प्रकाश डालें।
उत्तर- भारत में लौह अयस्क प्रायः सभी राज्यों में पाया जाता है परन्तु यहाँ के कुल भण्डार का 96% कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखण्ड, राज्यों में सीमित है।
शेष भण्डार तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों में अवस्थित है। भारत में 1950-51 में 42 लाख टन लोहे का उत्पादन हुआ जो 2004-05 में बढ़कर 1427.1 लाख टन हो गया। अतः लोहे के उत्पादन में भारी विकास हुआ है।
कर्नाटक राज्य भारत का लगभग एक-चौथाई लोहा उत्पादन करता है। यहाँ बेल्लारी, हास्पेट, सुदूर क्षेत्रों में लौह अयस्क की खानें हैं। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा
उत्पादन राज्य है जो देश का करीब 20 प्रतिशत लोहा उत्पन्न करता है। दाँतेवाड़ा जिले का वैलाडिला तथा दुर्गा जिले के डल्ली एवं राजहरा प्रमुख उत्पादक हैं। रायगढ़, विलासपुर तथा सरगुजा अन्य उत्पादक जिले हैं। यहाँ का अधिकांश लोहा विशाखापट्नम बंदरगाह से जापान को निर्यात किया जाता है।
उड़ीसा देश का 19 प्रतिशत लोहा उत्पादन करता है। यहाँ की प्रमुख खाने गुरु माहिषानी, बादम पहाड़ (मगूरभंज) एवं किरिबुरू हैं।
गोवा देश का चौथा बड़ा लोहा उत्पादक राज्य है तथा 16 प्रतिशत देश का लोहा यहीं से प्राप्त होता है। यहाँ की प्रमुख खाने साहक्वालिम, संगयूम, क्यूपेम, सतारी, पौडा एवं वियोलिम में स्थित हैं। यहाँ के मर्मागांव पतन से लोहा निर्यात किया जाता है।
झारखण्ड देश का पांचवां बड़ा अयस्क उत्पादक राज्य है और 15% से अधिक लोहे का उत्पादन करता है। यहाँ के सिंहभूम, पलामू, धनबाद, हजारीबाग, संथालपरगना तथा राँची मुख्य उत्पादक जिले हैं।
महाराष्ट्र में लौह अयस्क की खाने चन्द्रपुर, रत्नागिरि और भण्डारा जिलों में स्थित हैं।
आन्ध्रप्रदेश के कसीमनगर, बारंगल, कुर्नुल, कड़प्पा आदि जिले लौह अयस्क उत्पादक हैं जबकि तमिलनाडु के तीर्थ मल्लाई पहाड़ियों (सलेम) एवं यादपल्ली (नीलगिरी) क्षेत्र में लोहे के भण्डार हैं।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
प्रश्न 6. मैंगनीज तथा बॉक्साइट की उपयोगिता तथा देश में इनके वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर- मैंगनीज अयस्क- मैंगनीज के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में रूस एवं द अफ्रीका के बाद तीसरा है। यह मुख्य रूप से जंगरोधी इस्पात बनाने तथा लोहा एवं मैंगनीज के मिश्रधातु बनाने के उपयोग में आता है। इसका उपयोग शुष्क बैटरियों के निर्माण में, फोटोग्राफी में, चमड़ा एवं माचिस उद्योग में भी होता है। साथ ही इसका उपयोग पेंट तथा कीटनाशक दवाओं के बनाने में भी किया जाता है। भारत के कुल उत्पादन का 85% मैंगनीज का उपयोग मिश्रधातु बनाने में किया जाता है।
वितरण- भारत में मैंगनीज का संचित भण्डार 1670 लाख टन है। विश्व में जिम्बाब्वे के बाद भारत में ही मैंगनीज का सबसे बड़ा संचित भण्डार है जो विश्व के कुल संचित भण्डार का 20 प्रतिशत है।
भारत के उत्पादन में मुख्य क्षेत्र उड़ीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं आन्ध्रप्रदेश हैं। भारत का 75% से ज्यादा मैंगनीज अयस्क के भण्डार महाराष्ट्र के नागपुर तथा भण्डारा जिलों से लेकर मध्यप्रदेश के बालघाट एवं छिन्दवाड़ा जिलों तक फैली पट्टी में मिलते हैं।
उड़ीसा भारत में मैंगनीज के उत्पादन में अग्रणीय है। यहाँ देश के कुल उत्पादन का 37.6% मैंगनीज उत्पन्न होता है। यहाँ मैंगनीज के मुख्य खादानें, सुन्दरगढ़, कालाहांडी, रायगढ़ बोलांगीर, क्योंझर, जालसुर एवं मयूरभंज जिलों में हैं। महाराष्ट्र भारत के कुल उत्पादन का लगभग एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन करता है। इस राज्य की मुख्य मैंगनीज उत्पादन पट्टी नागपुर तथा भण्डारा जिले में हैं। इस पट्टी में उत्तम कोटि के मैंगनीज अयस्क मिलते हैं। रत्नागिरि में उच्चकोटि का मैंगनीज का उत्पादन होता है।
मध्यप्रदेश 21% मैंगनीज पैदा कर देश का तीसरा बड़ा उत्पादक राज्य है। बालघाट तथा छिन्दवाड़ा जिलों में मैंगनीज का उत्पादन होता है।
कर्नाटक में मैंगनीज शिमोगा, तुमकुर, बेलारी, धारवाड़, चिकमंगलूर और बीजापुर जिले मुख्य उत्पादक हैं। पहले यहाँ देश का एक चौथाई मैंगनीज उत्पादन होता था किन्तु अब उत्पादन कम हो रहा है।
आन्ध्रप्रदेश में देश के सकल उत्पादन का 6 प्रतिशत ही मैंगनीज का उत्पादन होता है। यहाँ । मुख्य उत्पादक जिला श्रीकाकुलम है। अन्य उत्पादक जिलों में विशाखापतनम, कुडप्पा, विजयनगर, गुंटूर हैं।
बॉक्साइट-यह एक अलौह धातु निक्षेप है जिससे एल्युमिनियम नामक धातु निकाली जाती है। भारत में बॉक्साइट का इतना भण्डार है कि अल्युमिनियम में हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। इसका बहुमुखी उपयोग वायुयान निर्माण, बर्तन बनाने, सफेद सीमेंट तथा रासायनिक वस्तुएं बनाने में किया जाता है। भारत में बॉक्साइट का अनुमानित भण्डार 3037 मिलियन टन है।
वितरण-बॉक्साइट भारत के अनेक क्षेत्रों में मिलता है किन्तु मुख्य रूप से इसका भण्डार उड़ीसा, गुजरात, झारखण्ड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश में अवस्थित है। देश का आधा से अधिक भण्डार उड़ीसा में है। उड़ीसा भारत के कुल उत्पादन का 42% बॉक्साइट उत्पन्न करता है। कालाहांडी, बोलंगीर, कोशपुर, सुन्दरगढ़ तथा संभलपुर बॉक्साइट के मुख्य उत्पादक जिले हैं।
गुजरात भारत का 17.35 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पन्न कर दूसरे स्थान पर है। जामनगर, कैरा, सबरकंठ तथा सूरत महत्वपूर्ण उत्पादक जिले हैं। झारखण्ड बॉक्साइट के उत्पादन में तीसरा स्थान रखता है तथा देश का 14 प्रतिशत बॉक्साइट उत्पन्न करता है। इसके लोहरदग्गा, राँची, लातेहार एवं पलामू मुख्य उत्पादक जिले हैं।
महाराष्ट्र के कोलावा, रत्नागिरि तथा कोल्हापुर जिलों में बॉक्साइट का खनन होता है तथा 12 प्रतिशत उत्पादन करता है।
छत्तीसगढ़ भारत का 6 प्रतिशत से अधिक बॉक्साइट उत्पादन करता है। सरगुजा का पठारी प्रदेश, रायगढ़ तथा विलासपुर जिले इसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं।
अन्य उत्पादन राज्यों में कर्नाटक में बॉक्साइट के प्रमुख निक्षेप बेलगाँव जिले में पाये जाते : हैं। तमिलनाडु के नीलगिरि, सलेम, मदुरई और कोयम्बटूर जिले, उत्तरप्रदेश के बांदा जिले बॉक्साइट के अन्य उत्पादक हैं। जम्मू और कश्मीर के पूंछ एवं उधमपुर जिलों में उत्तम कोटि के बॉक्साइट पाये जाते हैं। भारत विभिन्न देशों कों बॉक्साइट निर्यात करता है।
मुख्य आयातक देश इटली, यू. के., जर्मनी, जापान हैं।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
प्रश्न 7. अभ्रक की उपयोगिता एवं वितरण पर प्रकाश डालें।।
उत्तर- भारत विश्व में शीट अभ्रक का अग्रणीय उत्पादक है। अब तक इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में इसका उपयोग होता रहा है। किन्तु कुछ कृत्रिम विकल्प आ जाने से अभ्रक के उत्पादन एवं निर्यात दोनों पर बुरा असर पड़ा है। वैसे तो प्राचीन काल से अभ्रक का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं के लिए किया जाता रहा है, लेकिन विद्युत उपकरण में इसका खास उपयोग होता है। क्योंकि यह विद्युत रोधक होने के कारण उच्च विद्युत शक्ति को सहन कर सकता है।
भारत में उत्पादन की दृष्टि से अभ्रक निक्षेप की तीन पट्टियाँ हैं जो बिहार, झारखंड, आन्ध्रप्रदेश तथा राजस्थान राज्यों के अन्तर्गत आती हैं। भारत में अभ्रक के कुल भण्डार 59065 टन है। 2002-03 में इसका उत्पादन 1217 टन था। बिहार एवं झारखण्ड में उत्तम कोटि के रूबी अभ्रक का उत्पादन होता है। पश्चिम में गया जिले में हजारीबाग, मुंगेर होते हुए पूर्व में भागलपुर तक फैला हुआ है। इसके अतिरिक्त धनबाद, पलामू, राँची एवं सिंहभूम जिलों में भी अभ्रक के भण्डार मिले हैं। बिहार एवं झारखंड भारत का 80% अभ्रक का उत्पादन करते हैं। आन्ध्रप्रदेश के नैगूर जिले में अभ्रक का उत्पादन होता है। राजस्थान देश का तीसरा अभ्रक उत्पादक राज्य है। यहाँ जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर आदि जिलों में अभ्रक की पट्टी फैली हुई है। यू. एस. ए. भारतीय अभ्रक का मुख्य आयातक है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
प्रश्न 8. खनिजों के संरक्षण के उपाय सुझायें।
उत्तर- खनिज क्षयशील एवं अनवीकरणीय संसाधन है। इनकी मात्रा सीमित है। इनका पुनर्निर्माण असंभव है। खनिज उद्योगों का आधार है। किन्तु औद्योगिक विकास के लिए खनिजों का अतिशय दोहन एवं उपयोग उनके अस्तित्व के लिए संकट है। अतः खनिजों का संरक्षण एवं प्रबंधन आवश्यक है। खनिज संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग तीन बातों पर निर्भर है-खनिजों के निरंतर दोहन पर नियंत्रण, उनका बचतपूर्वक उपयोग एवं कच्चे माल के रूप में सस्ते विकल्पों की खोज। खनिजों पर नियंत्रण के अलावे उनके विकल्पों को खोजना, खनिजों के अपशिष्ट पदार्थों को बुद्धिमतापूर्ण उपयोग, पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण, खनिज निर्माण के लिए चक्रीय पद्धति को अपनाना प्रबंधन कहलाता है। यदि खनिजों के संरक्षण के साथ-साथ प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए तो खनिज संकट से निबटा जा सकता है।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 12th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 11th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 9th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 8th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 7th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 6th Solutions & Notes | Click Here |
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
अगर आप बिहार बोर्ड कक्षा 6वीं से 12वींतक की परीक्षा की बेहतरीन तैयारी करना चाहते हैं, तो हमारे YouTube चैनल को ज़रूर सब्सक्राइब करें!
यहाँ आपको सभी विषयों के विस्तृत Solutions, Notes, महत्वपूर्ण प्रश्न, मॉडल पेपर और परीक्षा में अच्छे अंक लाने के टिप्स मिलेंगे। हमारी वीडियो क्लासेस आसान भाषा में समझाई गई हैं, ताकि हर छात्र बिना किसी परेशानी के अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
हमारे चैनल की विशेषताएँ:
✔️सभी विषयों की वीडियो व्याख्या
✔️परीक्षा में आने वाले महत्वपूर्ण प्रश्नों का हल
✔️बेस्टस्टडीप्लान और टिप्स
✔️बिहार बोर्ड के सिलेबस पर आधारित संपूर्ण तैयारी
अभी देखें और सब्सक्राइब करें –Click Here
Study Help एक शैक्षिक वेबसाइट है जो बिहार बोर्ड कक्षा 10 के छात्रों के लिए नोट्स, समाधान और अध्ययन सामग्री प्रदान करती है। यहाँ हिंदी, गणित, सामाजिक विज्ञान सहित सभी विषयों के विस्तृत समाधान उपलब्ध हैं। साथ ही, Godhuli Part 2 (गद्य, पद्य, व्याकरण) और गणित के सभी अध्यायों के नोट्स भी शामिल हैं। वेबसाइट से जुड़े अपडेट्स के लिए YouTube, WhatsApp, Telegram और सोशल मीडिया लिंक भी उपलब्ध हैं, जिससे छात्र बेहतर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
Class 10 Geography Chapter 1 खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन
Bihar Board Class 10 Geography Solutions Chapter 1(घ) खनिज संसाधन