स्वप्नवासवदत्ता पर टिप्पणी
भास प्राचीन संस्कृत साहित्य के एक महान नाटककार हैं, जिनकी रचनाएँ भारतीय नाट्य परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। …
भास प्राचीन संस्कृत साहित्य के एक महान नाटककार हैं, जिनकी रचनाएँ भारतीय नाट्य परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। …
कालिदास, संस्कृत साहित्य के महान कवि और नाटककार, ने अपनी रचना “मेघदूत” के माध्यम से प्रेम, विरह और प्रकृति का …
परिचय:जार्ज ग्रियर्सन (George Grierson) एक ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारी और भाषाशास्त्री थे, जिन्होंने भारतीय भाषाओं के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। …
परिचय:हिंदी साहित्य का नामकरण एक जटिल और विवादित विषय रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि हिंदी भाषा का …
परिचय:गार्सा-द-तासी (Garcia de Tassy) एक प्रसिद्ध फ्रांसीसी विद्वान और भाषाविद् थे, जिन्होंने उन्नीसवीं शताब्दी में भारतीय भाषाओं और साहित्य पर …
परिचय: इतिहास-दृष्टि का अर्थ है, इतिहास को देखने, समझने और उसकी व्याख्या करने का एक विशिष्ट दृष्टिकोण। यह दृष्टि इस …
परिचय: संरचनावाद (Structuralism) बीसवीं शताब्दी की एक प्रमुख बौद्धिक और दार्शनिक विचारधारा है, जिसने मानविकी और सामाजिक विज्ञानों में गहरी …
विधेयवाद (Positivism) दर्शन की वह शाखा है, जो ज्ञान के वैज्ञानिक और तात्त्विक आधारों पर बल देती है। यह दृष्टिकोण …
साहित्यिक प्रवृत्तियाँ किसी युग विशेष में साहित्य के विकास की दिशा और दशा को निर्धारित करती हैं। ये प्रवृत्तियाँ साहित्यिक …
हिन्दी साहित्य इतिहास लेखन की परंपरा में आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का योगदान आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी हिन्दी साहित्य के उन महान …