कबीर की सामाजिक चेतना

कबीर भारतीय समाज के उन अद्वितीय संत-कवियों में से हैं, जिनकी वाणी केवल आध्यात्मिक चिंतन तक सीमित नहीं रही, बल्कि …

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‘रोलां बार्थ’ पर टिप्पणी

रोलां बार्थ (Roland Barthes) 20वीं सदी के एक प्रमुख फ्रांसीसी साहित्यिक सिद्धांतकार, आलोचक, दार्शनिक और सांस्कृतिक चिन्तक थे। वे साहित्य, …

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‘अनुभववाद’ पर टिप्पणी

अनुभववाद

अनुभववाद एक ऐसा दार्शनिक दृष्टिकोण है, जो ज्ञान की प्राप्ति में अनुभव को प्रमुख आधार मानता है। इसे अंग्रेजी में …

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भूमंडलीकरण के दौर में भारतीय संस्कृति के बदलते स्वरूप का वर्णन

भारतीय संस्कृति एक जीवंत, समृद्ध और विविधता से भरपूर संस्कृति रही है, जिसकी जड़ें हजारों वर्षों पुरानी सभ्यता में हैं। …

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“साहित्य के संस्कृतिमूलक अध्ययन की प्राच्यवादी दृष्टि पर प्रकाश डालिए।”

प्रस्तावना: साहित्य और संस्कृति के संबंध को समझना हो तो यह स्वीकार करना होगा कि साहित्य केवल कला या भाषा …

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