तोड़ती पत्थर पर टिप्पणी
‘तोड़ती पत्थर’ प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि सुमित्रानंदन पंत की एक अत्यंत संवेदनशील और यथार्थवादी कविता है। यह कविता छोटी होते हुए …
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‘तोड़ती पत्थर’ प्रसिद्ध प्रगतिशील कवि सुमित्रानंदन पंत की एक अत्यंत संवेदनशील और यथार्थवादी कविता है। यह कविता छोटी होते हुए …
‘कामायनी’ हिन्दी के महाकवि जयशंकर प्रसाद की कालजयी काव्य-रचना है, जिसे हिन्दी साहित्य का श्रेष्ठतम प्रतीकात्मक (symbolic) महाकाव्य माना जाता …
हिन्दी काव्य-जगत में जब भी देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम, और जागरण के स्वर की बात होती है, तब गोपाल सिंह नेपाली का …
हिन्दी साहित्य के छायावादी युग के प्रमुख कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित ‘उर्वशी’ एक महान काव्य-नाटक है, जिसमें प्रेम, सौंदर्य, …
हिन्दी साहित्य के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मैथिलीशरण गुप्त को यद्यपि प्राचीनता का अनुयायी कहा …
‘राम की शक्तिपूजा’ हिन्दी के प्रसिद्ध कवि माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा नहीं, बल्कि सुभद्राकुमारी चौहान के समकालीन महान कवि महेषी प्रसाद …
हिन्दी साहित्य में महाकाव्य ‘साकेत’ को मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित एक अनुपम काव्य कहा जाता है, जिसमें रामकथा को एक …
प्रस्तावना: संस्कृत साहित्य का नाट्य परंपरा में एक अत्यंत गौरवशाली स्थान है। भारत में नाटक का जन्म वेदों के काल …
प्रस्तावना: संस्कृत साहित्य विश्व के सबसे प्राचीन और समृद्ध साहित्यिक परंपराओं में से एक है। इसमें नाटक, कथा, उपन्यास, काव्य, …
प्रस्तावना: हिंदी साहित्य में दोहा एक अत्यंत प्रभावशाली और लोकप्रिय काव्य रूप है। इसकी सबसे खास बात है – इसकी …