“परबत समुद्र अगम बिच, बीहड़ बन बनढांख। किमि कै भेंटौ कंत तुम्ह? ना मोहि पांव न पांख।।”
संदर्भ: प्रस्तुत पंक्ति मलिक मोहम्मद जायसी की महाकाव्य रचना “पद्मावत” से ली गई है। यह पंक्ति नागमती के उस विरह-वर्णन …
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संदर्भ: प्रस्तुत पंक्ति मलिक मोहम्मद जायसी की महाकाव्य रचना “पद्मावत” से ली गई है। यह पंक्ति नागमती के उस विरह-वर्णन …
संदर्भ: प्रस्तुत पंक्ति संत कबीरदास की साखियों से ली गई है। कबीरदास भक्ति आंदोलन के महान संत और समाज सुधारक …
मीरा की भक्ति की विशेषता परिचय मीरा बाई, भक्ति आंदोलन के प्रमुख स्तंभों में से एक, भारतीय संत और कवियित्री …
जायसी द्वारा प्रस्तुत नागमती का विरह वर्णन: हिंदी साहित्य की अद्वितीय रचना हिंदी साहित्य में अवधी भाषा के महान कवि …
घनानंद की प्रेम व्यंजना हिंदी साहित्य के रीतिकाल के प्रमुख कवियों में से एक, घनानंद को प्रेम के अद्वितीय और …
कबीर की सामाजिक चेतना परिचय कबीर भारतीय भक्ति आंदोलन के प्रमुख कवि और संत हैं। उन्होंने अपने समय के समाज …
तुलसी की भक्ति भावना पर प्रकाश परिचय। हिंदी साहित्य में भक्ति काल को स्वर्णिम युग के रूप में देखा जाता …