“परबत समुद्र अगम बिच, बीहड़ बन बनढांख। किमि कै भेंटौ कंत तुम्ह? ना मोहि पांव न पांख।।”

संदर्भ: प्रस्तुत पंक्ति मलिक मोहम्मद जायसी की महाकाव्य रचना “पद्मावत” से ली गई है। यह पंक्ति नागमती के उस विरह-वर्णन …

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“निर्गुन कौन देस को बासी? को है जनक, जननि को कहियत, कौन नारि को दासी?” सप्रसंग व्याख्या

संदर्भ: प्रस्तुत पंक्ति संत कबीरदास की साखियों से ली गई है। कबीरदास भक्ति आंदोलन के महान संत और समाज सुधारक …

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“जायसी द्वारा प्रस्तुत नागमती का विरह वर्णन हिन्दी साहित्य की अद्वितीय रचना है”- इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?

जायसी

जायसी द्वारा प्रस्तुत नागमती का विरह वर्णन: हिंदी साहित्य की अद्वितीय रचना हिंदी साहित्य में अवधी भाषा के महान कवि …

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