उपन्यासकार प्रेमचंद
परिचय प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के महान उपन्यासकार और कहानीकार थे। वे आधुनिक हिंदी उपन्यास के जनक माने …
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परिचय प्रेमचंद (1880-1936) हिंदी और उर्दू साहित्य के महान उपन्यासकार और कहानीकार थे। वे आधुनिक हिंदी उपन्यास के जनक माने …
परिचय बाणभट्ट, प्रख्यात संस्कृत साहित्यकार और “हर्षचरित” तथा “कादंबरी” के रचयिता थे। वे 7वीं शताब्दी में सम्राट हर्षवर्धन के दरबारी …
परिचय उपन्यास समाज का दर्पण होता है, जो विभिन्न वर्गों, परिवेशों और परिस्थितियों को विस्तार से चित्रित करता है। समाज …
परिचयअस्मितागत उपन्यास (Identity-based novel) एक साहित्यिक विधा है, जो व्यक्ति, समुदाय या समाज की अस्मिता (पहचान) से जुड़े मुद्दों को …
परिचय ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’ हिंदी के प्रसिद्ध लेखक हजारीप्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखा गया एक ऐतिहासिक उपन्यास है। यह उपन्यास 7वीं …
परिचय: ‘गोदान’ (1936) हिंदी के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद का अंतिम और सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है। यह भारतीय किसान समाज …
‘गोदान’ (1936) हिंदी साहित्य के महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की कालजयी कृति है। इसे भारतीय किसान जीवन का महाकाव्य कहा …
रेणु का मैला आंचल (1954) हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण उपन्यास है, जिसे आंचलिक उपन्यासों की परंपरा की आधारशिला माना …
भारतीय आख्यान परंपरा का इतिहास अत्यंत प्राचीन और समृद्ध है, जो वेदों, उपनिषदों, पुराणों, महाकाव्यों, लोककथाओं और अन्य साहित्यिक विधाओं …
पंक्ति:“देख-देख राधा रूप अपार अपरुब के बिहि आनि मिलाओल खिति-खिति लावनि-सार।” प्रसंग यह पंक्ति विद्यापति की काव्य रचना से ली …