हिन्दू धर्म में अवतारवाद की संकल्पना की व्याख्या कीजिए।
हिन्दू धर्म में “अवतारवाद” एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक अवधारणा है, जो ईश्वर और मानव के बीच के संबंध …
हिन्दू धर्म में “अवतारवाद” एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक अवधारणा है, जो ईश्वर और मानव के बीच के संबंध …
धर्म और ईश्वर, दोनों मानव सभ्यता के गहरे और पुराने पहलू हैं, लेकिन यह आवश्यक नहीं कि दोनों हमेशा एक-दूसरे …
‘उपमा कालिदासस्य’ एक प्रसिद्ध संस्कृत कहावत है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – “उपमा की बात आए तो कालिदास ही याद …
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत साहित्य के आदि कवि माने जाते हैं। वे ‘रामायण’ के रचयिता हैं, जो न केवल भारत का …
संस्कृत साहित्य के महान कवियों में महाकवि भवभूति का नाम अत्यंत आदर और सम्मान से लिया जाता है। वे 8वीं …
संस्कृत नाटक साहित्य की परंपरा में ‘मृच्छकटिक’ एक अत्यंत महत्वपूर्ण और लोकप्रिय नाटक है। इसकी रचना शूद्रक नामक नाटककार ने …
संस्कृत साहित्य के इतिहास में यदि किसी कवि को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, तो वह हैं कालिदास। वे न केवल …
संस्कृत साहित्य का एक महत्वपूर्ण और प्राचीनतम रूप ‘महाकाव्य’ है। यह वह विधा है जिसमें किसी महान ऐतिहासिक, पौराणिक या …
संस्कृत साहित्य में नाटक का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। नाटक केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा, बल्कि यह भारतीय …
इंटरनेट आज के समय की सबसे क्रांतिकारी खोजों में से एक है। यह एक ऐसा वैश्विक नेटवर्क है जो दुनिया …