राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) का इतिहास
राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme – NSS) भारत सरकार के युवा मामलों और खेल मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों को समाज सेवा से जोड़ने का कार्य करता है। NSS का उद्देश्य है – “शिक्षा के माध्यम से सेवा” यानी छात्र न केवल अकादमिक ज्ञान प्राप्त करें, बल्कि समाज के लिए उपयोगी भी बनें।
NSS की शुरुआत 24 सितंबर 1969 को की गई थी। यह दिन भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मशती वर्ष से जुड़ा हुआ है। NSS की स्थापना का विचार भारत में शिक्षा के उद्देश्यों में सामाजिक उत्तरदायित्व को शामिल करने के दृष्टिकोण से आया था। इसका मूल विचार यह था कि विद्यार्थी केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि समाज की वास्तविकता से जुड़ें और देश की समस्याओं को समझें।
NSS का विचार सबसे पहले 1950 के दशक में सामने आया जब भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में शामिल करने की बात की थी। 1959 में तत्कालीन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने NSS की स्थापना पर विचार किया और 1960 में इसे कुछ विश्वविद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया।
आख़िरकार 1969 में, महात्मा गांधी की जन्मशती के अवसर पर, जो स्वयं सेवा और ग्राम्य जीवन में विश्वास रखते थे, NSS की औपचारिक शुरुआत की गई। गांधीजी का मानना था कि विद्यार्थियों को ग्रामीण भारत की सेवा करनी चाहिए, तभी वे सच्चे नागरिक बन सकते हैं। NSS उसी विचार को साकार करता है।
NSS का प्रतीक और उसका महत्व:
NSS का प्रतीक एक रथचक्र है जो सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है। यह प्रतीक चक्र जीवन के सतत प्रवाह, गतिशीलता और परिवर्तनशीलता को दर्शाता है। इसका नेवी ब्लू रंग ब्रह्मांड को और लाल रंग ऊर्जा और युवा शक्ति को दर्शाता है। यह प्रतीक यह बताता है कि NSS स्वयंसेवक लगातार समाज की सेवा में गतिशील रहते हैं और समाज को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाते हैं।
NSS का उद्देश्य (Objective):
- विद्यार्थियों में समाज के प्रति सेवा, दया, करुणा और सहानुभूति की भावना पैदा करना।
- उन्हें सामाजिक समस्याओं से अवगत कराना और उनका समाधान ढूँढ़ने में भागीदार बनाना।
- राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को प्रभावी बनाना।
- छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनाना, जो न केवल अपने लिए बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी सोचें।
NSS के प्रमुख कार्य और गतिविधियाँ (Major Functions and Activities):
NSS के अंतर्गत अनेक प्रकार की सामाजिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, पर्यावरण और जागरूकता से संबंधित गतिविधियाँ की जाती हैं। NSS का कार्य क्षेत्र बहुत व्यापक है। नीचे इसकी प्रमुख गतिविधियों का वर्णन किया गया है:
1. स्वच्छता अभियान (Cleanliness Drives):
NSS के स्वयंसेवक नियमित रूप से स्कूलों, गाँवों, सड़कों, सार्वजनिक स्थानों पर सफाई अभियान चलाते हैं। “स्वच्छ भारत मिशन” से NSS को विशेष रूप से जोड़ा गया है। ये छात्र लोगों को स्वच्छता के महत्व को समझाते हैं और व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करते हैं।
2. स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवा:
NSS के अंतर्गत रक्तदान शिविर, नेत्र परीक्षण, टीकाकरण, हृदय जांच, एड्स जागरूकता, कोविड-19 के दौरान मास्क वितरण और वैक्सीनेशन ड्राइव जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। NSS स्वयंसेवक चिकित्सा शिविरों में डॉक्टरों की सहायता करते हैं और ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हैं।
3. शैक्षणिक सेवा और साक्षरता अभियान:
NSS स्वयंसेवक गरीब, पिछड़े और अशिक्षित लोगों के लिए शिक्षा केंद्र चलाते हैं। वे बच्चों को ट्यूशन देते हैं, महिलाओं को साक्षर बनाते हैं और स्कूल छोड़ चुके बच्चों को फिर से शिक्षा से जोड़ते हैं। “साक्षर भारत मिशन” में भी NSS की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
4. पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी गतिविधियाँ:
NSS पर्यावरण संरक्षण में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। इसके अंतर्गत वृक्षारोपण, प्लास्टिक मुक्त अभियान, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, पक्षी संरक्षण, बायोडायवर्सिटी जागरूकता जैसे कार्यक्रम किए जाते हैं। छात्र स्थानीय लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हैं।
5. आपदा प्रबंधन और राहत कार्य:
प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, सूखा, तूफान, महामारी आदि के समय NSS स्वयंसेवक पीड़ितों को राहत सामग्री पहुँचाते हैं। कोविड महामारी के समय NSS के छात्रों ने घर-घर जाकर आवश्यक सामग्री पहुँचाने, टीकाकरण में सहायता करने और जरूरतमंदों की मदद करने में बड़ी भूमिका निभाई।
6. राष्ट्र निर्माण से संबंधित गतिविधियाँ:
NSS राष्ट्र निर्माण को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय एकता दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, महिला दिवस, संविधान दिवस, युवा सप्ताह आदि आयोजनों में भाग लेते हैं। इसके अलावा NSS स्वयंसेवक सामाजिक विषयों पर रैली, नाटक, भाषण, पोस्टर प्रतियोगिता आदि के माध्यम से जनजागृति फैलाते हैं।
7. राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाएँ और शिविर:
NSS प्रत्येक वर्ष 7-दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन करता है, जिसमें छात्र किसी गाँव को गोद लेते हैं और वहाँ की समस्याओं का समाधान करने के लिए सामूहिक प्रयास करते हैं। इसके अतिरिक्त NSS द्वारा राष्ट्रीय एकता शिविर, एडवेंचर कैंप, प्रशिक्षण शिविर, यात्रा शिविर, राष्ट्रीय युवा महोत्सव आदि कार्यक्रम भी किए जाते हैं, जिनमें देशभर के स्वयंसेवक एक साथ आते हैं।
8. नशा उन्मूलन अभियान:
NSS स्वयंसेवक धूम्रपान, शराब, गांजा, दवाओं का दुरुपयोग जैसी बुराइयों के खिलाफ समाज में जागरूकता फैलाते हैं। वे नुक्कड़ नाटक, रैली, स्लोगन और बातचीत के ज़रिए लोगों को इसके खतरों के बारे में समझाते हैं।
9. महिला सशक्तिकरण:
NSS महिला शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है। इसके अंतर्गत महिलाओं के लिए सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग, हस्तशिल्प कार्यशाला, स्वास्थ्य जांच, हाइजीन सेमिनार, और स्वरोजगार शिविर आयोजित किए जाते हैं।
10. सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा:
NSS के स्वयंसेवक विभिन्न भाषा, धर्म, जाति और संस्कृति के होते हुए भी साथ मिलकर काम करते हैं। यह भारत की विविधता में एकता की भावना को मजबूत करता है। NSS शिविरों में विभिन्न राज्यों के छात्र मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं जिससे राष्ट्र की समरसता बनी रहती है।
NSS की कार्यप्रणाली:
NSS की इकाई कॉलेज या विश्वविद्यालय स्तर पर गठित होती है। प्रत्येक इकाई में 100 NSS स्वयंसेवक होते हैं, जिनका मार्गदर्शन एक NSS कार्यक्रम अधिकारी करता है। हर स्वयंसेवक को दो वर्षों में कम से कम 240 घंटे की सेवा देनी होती है। NSS कार्यों को दो भागों में बाँटा गया है –
- नियमित गतिविधियाँ (Regular Activities): हर वर्ष लगभग 120 घंटे सेवा कार्य करना।
- विशेष शिविर (Special Camp): एक सप्ताह का ग्रामीण या सामुदायिक सेवा शिविर।
इन गतिविधियों के दौरान छात्र समाज की ज़मीनी हकीकतों को समझते हैं और उनमें समस्या-समाधान की भावना विकसित होती है। वे सामाजिक नेतृत्व, संगठन क्षमता, संवाद कौशल, अनुशासन, और सहयोग की भावना सीखते हैं।
सरकार द्वारा मान्यता और पुरस्कार:
सरकार हर वर्ष NSS के उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार देती है –
- सर्वश्रेष्ठ NSS स्वयंसेवक पुरस्कार
- सर्वश्रेष्ठ NSS इकाई पुरस्कार
- सर्वश्रेष्ठ NSS कार्यक्रम अधिकारी पुरस्कार
- राज्य और विश्वविद्यालय स्तर पर NSS की रिपोर्ट और योगदान के आधार पर यह सम्मान दिए जाते हैं।
इन पुरस्कारों से न केवल छात्र प्रोत्साहित होते हैं, बल्कि समाज में भी NSS की प्रतिष्ठा बढ़ती है।
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